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बालों का गिरना एक चिंताजनक विषय है।देखा जाए तो चिकित्सकीय दृष्टि से रोजाना 40 से 80 बाल गिरना प्राकृतिक माना जाता है। इसमें इलाज की जरूरत नहीं पड़ती। अगर 80 से अधिक बाल गिरते हैं और सिर पर बालों की मात्रा घटने लगे तो इसमें इलाज की जरूरत पड़ती है।


कारण


बाल झड़ने के एक या एक से अधिक कारण हो सकते हैं।

1-त्वचा रोग

2-तनाव

3-आहार में कमी

4-हारमोन्स में फेरबदल


5-लंबी बीमारी के बाद


इलाज

बालों के झड़ने में अंदरूनी इलाज की जरूरत पड़ती है। होम्योपैथी उपचार से बालों का गिरना
कम किया जा सकता है। लंबे समय के उपचार से बालों को घना भी किया जा सकता है। होम्योपैथी का उपचार कुछ हद तक सफेद बालों की समस्या में भी कारगर है।गंजेपन को पूरी तरह ठीक तो नहीं किया जा सकता है लेकिन अगर समय पर इलाज किया जाए तो इससे बचा जा सकता है।

पोषण और बाल

बाल एक जैविक पद्धति का हिस्सा हैं। इसे घना और चमकदार बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार और व्यायाम बेहद जरूरी है।                                                                                         

आहार


शाकाहारी

दूध,पनीर,दही,नारंगी,ब्राउन राइस,अखरोट,दालें,काली मिर्च तथा रस वाले फल बालों के लिए फायदेमंद होते हैं।

मांसाहारी

मछली,अंडा,कलेजी और सी-फूड। खाने से पहले और बाद में पानी पीने में कम से कम 30 से 40 मिनट का अंतर रखना चाहिए।


कुछ प्रमुख होम्योपैथी औषधियां

1- नैट्रम म्यूर (natrum mur)- इस दवा का प्रयोग तब किया जाता है जब ये लक्षण दिखें - बाल झड़ने या हल्के से छूने पर गिरना। इसमें मरीज को नमक ज्यादा पसंद होता है। मरीज में घबराहट और गुस्से की प्रवर्ति होती है।

2- एसिड फ्लौर (acid fluor)- इस दवा का प्रयोग तब किया जाता है जब ये लक्षण दिखें - सिर पर धब्बेनुमा दाग और उनके बीच से बालों का गिरना।

3- साइलिसीया (silicea)- इस दवा का प्रयोग तब किया जाता है जब ये लक्षण दिखें - आसामायिक बालों का गिरना।

इन सारी जानकारियों के बावजूद होम्योपैथी की दवा खाने से पहले किसी डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।



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