Comments ( 1 )

  • Shikha singh

    वक़्त की ज़रूरत और खुद की ज़रूरत में जब सामंजस्य बैठेगा, जीवन को खुद ब खुद तृप्ति मिलेगी। बेहतरीन विचार और उनके लिए उम्दा शब्दों का चयन किया आपने।

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