
कहीं आप सबलवाय (GLAUCOMA) की चपेट में तो नहीं हैं ?
सबलवाय आंखों से संबंधित बीमारी है जो अधिकतर वृद्धावस्था में देखी जाती है।
लक्षण- इस बीमारी में दृष्टि धुंधली पड़ जाती है।इस बीमारी में कभी - कभी दर्द भी होता है और उल्टी भी हो सकती है । इस बीमारी में कनीनिका धुंधली सी दिखती है ,पुतली अंडाकार और फैली सी लगती है । आंखे पथराई सी प्रतीत होती हैं ।
जांच -
इस बीमारी में आंखों के अंदर का दबाव बढ़ जाता है जिसकी जांच टोनोमीटर(tonometer) नामक एक यंत्र से की जाती है । इस बीमारी के इलाज में हम कई तरह के आंखों में डालने
वाली दवाइयों का प्रयोग कर सकते हैं जिसमे आराम भी मिल जाता है। मगर दवाओं के बंद
करने पर यह बीमारी दोबारा हो जाती है।
सावधानी - होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस बीमारी के बार-बार होने की प्रक्रिया को रोका जा सकता है। जो कि लक्षण के अनुसार आप होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श लेकर सेवन कर सकते हैं । बिना सलाह इन दवाइयों को लेने से नुकसान हो सकता है ।
अन्य उपयोगी लिंक - https://nei.nih.gov/health/glaucoma/glaucoma_facts
डा. अभय सिंह से आप अपने सवाल ई-मेल से भी पूछ सकते -contactdrabhay@gmail.com
या डा. अभय सिंह को फोन करें - 09415088981
अन्य उपयोगी लिंक - https://en.wikipedia.org/wiki/Glaucoma
उपचार -
कुछ दवाओं का विवरण इस तरह से है-
कोमोक्लोडिया(comocladia-30) - इस दवा का प्रयोग तब होता है जब सबलवाय के रोगी की
आंखों में भारीपन रहता है और आंखे हिलाने पर दर्द होता है।
कोलोसिन्थ (colocynth-30)- इस दवा का प्रयोग तब होता है जब आंखों में दर्द के साथ
सबलवाय बढ़ता है ।
कोकाइना (cocaina-30)- इस दवा का प्रयोग तब होता है जब आंखों में तनाव,और आंख
बुझी सी दिखती है।
फायोस्टिग्मा (phyotstigma -30)-इस दवा का प्रयोग तब होता है जब सबलवाय के साथ
आंखों की रौशनी कम होती है ।
जलसेमियम(gelsemium-30)- इस दवा का प्रयोग तब होता है जब आंख की रौशनी कम
होने की शिकायत हो ।
यह सभी दवाइयां दिन में 3 बार ली जा सकती हैं।
सभी पाठकों से आग्रह है कि लेख में सुझायी गई किसी भी दवा का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से जांच व परामर्श जरूर करें ।
Comments ( 1 )
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Bikanu yadav
Sir glaucoma Ka ilaj hai btana
- होम्योपैथी में दिल का कारगर लेकिन कम कीमती इलाज
- होम्योपैथी में है दिल का कारगर इलाज
- घरेलू हिंसा
- देवी धाम से हिमालयी नजारा
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